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Posted on : 10-June-2021 06:06:46 Writer :
केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (के औ सु ब) 1969 में तीन बटालियनों के साथ अल्प कार्मिक संख्या से अपनी शुरूआत करके अस्तित्व में आया। इसकी स्थापना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गयी, क्यूँकि ये उपक्रम तात्कालिक वर्षों में अर्थव्यवस्था के चरम शिखर पर थे। चार दशकों की अवधि में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में कई गुना वृद्धि कर ली है। आज केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में कार्मिकों की संख्या एक लाख इकतालिस हजार सात सौ पैंतीस तक पहुंच गई है। अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण तथा उदारीकरण से केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अब पीएसयू केंन्द्रित संगठन नहीं रहा बल्कि यह देश की प्रमुख बहु कौशल युक्त सुरक्षा एजेंसी बन गई है। जिसे देश के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थिम प्रमुख महत्वपूर्ण अवसंरचना संस्थाओं को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है।
केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल इस समय नाभिकीय संस्थओं, अंतरिक्ष संस्थानों, हवाई अड्डों, समुद्री पत्तनों, बिजली संयंत्रों, संवेदनशील सरकारी भवनों तथा ऐतिहासिक स्मारकों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। इन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के साथ साथ केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन, अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) सुरक्षा, आपदा प्रबंधन तथा हैती में संयुक्त राष्ट्र की सशस्त्र पुलिस इकाई (एफपीयू) की सुरक्षा करने जैसे कार्य भी हाल ही में सौंपे गए हैं।
दशकों से बल द्वारा प्राप्त व्यावसायिक सक्षमता तथा स्थायित्व का स्तर इस बात से सिद्ध हो जाता है कि निजी क्षेत्र द्वारा भी परामर्श के लिए इसकी सेवाओं की मांग की जा रही है। विगत वर्षों में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने प्राईवेट सेक्टर सहित 140 से भी अधिक अलग-अलग संगठनों को परामर्शी सेवाएं प्रदान की है। नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के बाद से बल के कार्य आदेश में और विस्तार हो गया है ताकि निजी क्षेत्र को भी सीधे सुरक्षा प्रदान की जा सके।
सीआईएसएफ के बारे में
अनुकूलनशीलता तथा उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रमाणक रहे हैं। इन सतत प्रयासों की वजह से केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने नई सुरक्षा चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। देश में मौजूदा सुरक्षा वातावरण तथा देश के बाहर से आतंकी धमकियों को देखते हुए बल प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण तथा कौशल उन्नयन के प्रति लगातार प्रयास कर रहा है ताकि राष्ट्र के लिए समर्पित सेवा का उन्नत रूप तैयार किया जा सके। अपने प्रभावशाली सतत रिकार्ड से उच्च व्यावसायिक मानक स्थापिक करके बल गर्व तथा विश्वसास के साथ उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है।
सीआईएसएफ के लिए विजन, मिशन, आदर्श वाक्य, लोकाचार, नैतिकता और मूल्यों पर नीति
परिचय
1969 में एचईसीए रांची में एक बड़ी आग की घटना के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अस्तित्व में आया। जिस अध्यादेश के साथ ये बल अस्तित्व आया, अर्थात सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों की संपत्ति एवम् उनके कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु। फल स्वरूप पिछले ५० वर्षों में बल ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। सुरक्षा की गतिशील स्वरूप की बदलती मांगो के साथ में चलते हुए यह बल विकसित हुआ है तथा अपने द्वारा प्रदान की गई पेशेवर सेवाओं को पुनः उन्मुख एवम् उनके स्वरूप का अद्यतन तथा स्वयं का कायापलट करते हुए उपक्रम के साथ साथ बहुप्रतिभावान, बहुकार्य एवं बहुआयामी बल बना है जो कि भविष्य की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
1. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का ध्येय :- मानव संसाधनों और आधुनिक प्रोद्योगिकी के सर्वोतम उपयोग के माध्यम से राष्ट्र के महत्वपूर्ण बुनियादी
2.ढांचों तथा परिसम्पतियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए सतत् कौषल उन्नयन और मूल प्रतिस्पर्धा का विकास करना’’
3. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के वर्तमान महानिदेशक :-
4. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की वेबसाइट: https://www.cisf.gov.in/
सी.आई.एस.एफ ने तीन दशकों से भी अधिक समय से पूरे देश में फैले विभिन्न औद्योगिक परिवेशों में अपने व्यापक अनुभव के आधार पर उनकी सुरक्षा योजना तैयार करने के लिए निजी उद्योगों को उच्च व्यावसायिक विकल्पों की पेशकश की है। सी.आई.एस.एफ ने अपने क्लाइंट को समूचे सुरक्षा समाधानों की पेशकश की है जिसमें निम्नलिखित कार्य शामिल है :-
1. संकट बोध तथा जोखिम विश्लेषण
2. एक्सेस कंट्रोल तथा परिधीय संरक्षण
3. जनशक्ति आवश्यकताओं का आकलन
4. सुरक्षा प्रणालियों का अनुप्रयोग
5. सुरक्षा तथा अग्नि लेखा परीक्षा
6. दस्तावेज सुरक्षा
7. सामग्री सुरक्षा के लिए पद्धतियां
8. आंतरिक आसूचना
9. अग्नि संरक्षण उपाय
10. संकट प्रबंधन योजनाएं
11. कार्यकारी संरक्षण
12. भीड़ नियंत्रण तथा प्रबंधन प्रक्रियाएं
13. संगठन के अधिकारियों तथा कार्मिकों एवं सुरक्षा विंग को सुरक्षा तथा अग्नि संरक्षण मामलों में प्रशिक्षण