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कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ने की कैम्पबेल बे बंदरगाह की पहली यात्रा, समुद्री सुरक्षा होगी मजबूत

Posted on : 26-March-2024 07:03:55 Writer : टीम- सीमा संघोष


कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ने की कैम्पबेल बे बंदरगाह की पहली यात्रा, समुद्री सुरक्षा होगी मजबूत


भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ने निकोबार द्वीप समूह में भारत के सबसे दक्षिणी कैंपबेल बे बंदरगाह की अपनी पहली यात्रा के साथ इतिहास रच दिया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाता है। 


भारतीय नौसेना की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ने निकोबार द्वीप समूह में भारत के सबसे दक्षिणी कैंपबेल बे बंदरगाह की अपनी पहली यात्रा के साथ इतिहास रच दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह कदम भारतीय नौसेना की पहुंच को बढ़ाता है। जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा कि कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ने भारत के सबसे दक्षिणी कैंपबेल बे बंदरगाह की अपनी शुरुआती यात्रा सफलतापूर्वक की है। 


कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी ने की पहली यात्रा



उन्होंने कहा कि मुख्य भूमि से बहुत दूर इस रणनीतिक बंदरगाह पर इस वर्ग की पनडुब्बी की यह पहली यात्रा है, जो भारतीय नौसेना की पहुंच को बढ़ाती है। जिससे हमारे हित के क्षेत्रों और उससे आगे तेजी से स्टील्थ पनडुब्बियों को तैनात करने में महत्वपूर्ण पहुंच और परिचालन की अनुमति मिलती है। कलवरी प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में से एक है। जिसमें कलवरी, खंडेरी, करंज, वेला, वागीर जैसी पनडुब्बियां शामिल हैं। 



प्रोजेक्ट 75 क्या है?



आईके गुजराल सरकार ने 25 पनडुब्बियों के अधिग्रहण का फैसला किया था। पी 75 पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 30 साल की योजना बनाई गई थी। 2005 में, भारत और फ्रांस ने छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 3.75 बिलियन डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में मझगांव डॉक्स शिपबिल्डर्स लिमिटेड और फ्रांस में डीसीएनएस इसका काम देखती है। 

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