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Posted on : 13-March-2024 07:03:10 Writer : टीम - सीमा संघोष
देश के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि देश के नाम की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अग्नि-5 मिसाइल के टेस्ट परीक्षण किया है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। यह परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के तहत किया गया है।
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने स्वदेशी अग्नि-5 मिसाइल के पहले फ्लाइट टेस्ट किया है। यह मिसाइल मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेड री-एंट्री व्हिकल (MIRV) तकनीक से लैस है। इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पोस्ट और कहा, 'मिशन दिव्यास्त्र के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है, जिन्होंने स्वदेशी अग्नि-5 मिसाइल के पहले फ्लाइट टेस्ट किया।'
स्वदेशी अग्नि-5 मिसाइल के पहला फ्लाइट टेस्ट कई मायनों में अहम है। इससे एक ही मिसाइल कई स्थानों पर कई हथियार को तैनात कर सकती है। सरकार के सूत्र ने बताया कि परियोजना निदेशक एक महिला है और इसमें महिलाओं का अहम योगदान है।
एमआईआरवी तकनीक के तहत किसी मिसाइल में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता होती है और इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बनाया जा सकता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसे सड़क मार्ग से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी। वैज्ञानिक कई वर्षों से एमआईआरवी तकनीक पर काम कर रहे हैं।
नए टेस्ट के साथ भारत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) क्षमता वाले देशों की खास सूची में आ गया है। इस अत्याधुनिक प्रणाली में स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता को भी दर्शाती है।
अग्नि-5 एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। इस मिसाइल की खासियत है कि यह वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करने से पहले अंतरिक्ष में जाती है।
यह मिसाइल जो तीन चरणों वाले ठोस ईंधन वाले इंजन का उपयोग करती है। अग्नि-5 मिसाइल बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक लक्ष्य पर प्रहार करने में सक्षम है। इस तरह से अग्नि-5 की मारक क्षमता चीन के सबसे उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया तक हो सकती है। यह भारत के हथियार कार्यक्रम के इतिहास में सबसे दूर तक मार करने वाली मिसाइल है।