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Posted on : 26-March-2024 06:03:52 Writer : टीम- सीमा संघोष
भारतीय सेना, सीमाओं की रक्षा करते हुए, विशेषकर सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है। जबकि राज्य नागरिक प्रशासन और पर्यटन विभाग सिक्किम के संरक्षित सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही को नियंत्रित करता है। खासकर आपातकाल के समय में भारतीय सेना अपनी उपस्थिति के आधार पर नागरिक प्रशासन और पर्यटकों को किसी भी सहायता के लिए हमेशा तैयार रहती है। जब भारी बर्फबारी में लोग फंस जाते हैं, तो तुरंत भारतीय सेना अपनी जान दांव पर लगाकर भगवान के दूत बन कर ममद को पहुंच जाते हैं। ऐसे मौकों पर लोग भारतीय सेना को भगवान का दूसरा रूप मानने लगते हैं। भारतीय सेना हर मौसम में, हर स्थिति में पर्यटकों की स्वास्थ्य का भी ध्यान रखती है।
21 फरवरी को 500 से अधिक पर्यटकों की सहायता
सूत्रों के मुताबिक 21 फरवरी 24 को, सेना ने नथुला में फंसे 500 से अधिक पर्यटकों की सहायता की, जब अचानक बर्फबारी से सड़क अवरुद्ध हो गई और तापमान शून्य से नीचे चला गया। सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सेना की टुकड़ियां पर्यटकों को पूर्वी सिक्किम में नथुला, हरभजन बाबा मंदिर, शेरथांग, ओल्ड सिल्क रोड आदि स्थानों और उत्तरी सिक्किम में युमथांग घाटी, जीरो पिंट, गुरुडोंगमार झील और अन्य स्थानों की यात्रा की सुविधा प्रदान करती हैं। जो सिक्किम आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण।सालाना दस लाख से अधिक आगंतुकों के साथ पर्यटन स्थानीय लोगों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है।