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Main Menu : हमारे बारे में Sub Menu : HAMAREBAREME Posted on 2021-06-02 13:27:46
संगठन परिचय
सीमावर्ती देशों की विस्तारवादी नीतियों ने राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के प्रश्न को और जटिल बना दिया है। देश की समुचित उन्नति और विकास के लिए 15106.7 कि.मी. लम्बी जमीनी और 7516.6 कि.मी. लम्बी सागरीय सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना नितांत आवश्यक है। इसका दायित्व राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के साथ-साथ सामान्य नागरिक का भी है। समाज को सीमा सुरक्षा के प्रति संवेदनशील, जागृत, संगठित और देश-भक्ति से अनुप्राणित बनाए बिना सीमा सुरक्षा का कार्य अधूरा है। इस ध्येय को साकार करने की दिशा में "सीमा जागरण मंच" वर्ष 1985 से कार्यरत है। भारत के सभी सीमान्त जमीनी और समुद्र-तटवर्ती राज्यों में मंच के कार्य का विस्तार है। हमारा मानना है कि सुरक्षित सीमा ही समर्थ भारत का आधार है।
भारत के सम्मान और संप्रभुता को विश्व-पटल पर अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए सीमाओं की सुरक्षा अति आवश्यक है। भीष्म पितामह के शब्दों में देश की सीमा माता के वस्त्र के समान होती है एवं उसकी रक्षा करना पुत्र का प्रथम कर्तव्य है। हमारे पूर्वजों और मनीषियों ने इस महत्व को समझा था और इसके पालन के लिए सर्वस्व अर्पित करने के उदाहरण रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया था। इसलिए भारत अतीत-काल से अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए भी सुरक्षित रहा। लेकिन वर्तमान समय में एक बार फिर से भारत की सामरिक स्थिति पर आघात हो रहा है इसलिए आओ हम सभी राष्ट्र युग धर्म के प्रति अपने कर्त्तव्य पालन के लिए कृत-संकल्प हों...
हे मातृ-भूमि तेरे लिये मरना ही जीना है
और तुझे भूलकर जीना भी मरना है"
~स्वातंत्रय वीर सावरकर
मेरा बलिदान सार्थक होने से पहले अगर
मौत दस्तक देगी तो संकल्प लेता हूँ की मैं
मौत को भी मार डालूँगा
~शहीद कैप्टन मनोज कुमार पाण्डे
परमवीर चक्र, 1/11 गोरखा राईफल्स