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अनुच्छेद 370 हटने के बाद 10 बदलाव, फिर से कैसे स्वर्ग बना कश्मीर? पत्थरबाजी-आतंकवाद और घुसपैठ पर कैसे लगा लगाम

Posted on : 07-March-2024 07:03:11 Writer : टीम - सीमा संघोष


अनुच्छेद 370 हटने के बाद 10 बदलाव, फिर से कैसे स्वर्ग बना कश्मीर? पत्थरबाजी-आतंकवाद और घुसपैठ पर कैसे लगा लगाम

पीएम मोदी के मार्गदर्शन मे अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब कश्मीर की तस्वीर बिल्कुल बदल गई है। न केवल अलगाववाद व पत्थरबाजी खत्म हुई बल्कि आतंकवाद पर भी अंकुश लगा। प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा रही हैं। कभी अलगाववादियों के गढ़ रहे लाल चौक का स्वरूप अब बिल्कुल बदल गया है। आतंकवाद के दौर में दूर हो गई फिल्म इंडस्ट्री तथा सिनेमा संस्कृति दोबारा लौट आई है। नाइट लाइफ सड़कों पर लौट आई है। डल झील देर रात तक आबाद रहती है। मैदानों में देर रात तक लोग खेल का रोमांच लेते देखे जा सकते हैं। पहली बार विदेशी निवेश भी हुआ है और 500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। जी 20 का सफलतापूर्वक आयोजन भी श्रीनगर में हुआ। 


पीएम पैकेज के तहत नियुक्त सरकारी कर्मियों को आवास की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। कश्मीर घाटी में बॉलीवुड की वापसी की दिशा में सरकार ने नई फिल्म नीति का निर्माण किया है। जम्मू-कश्मीर फिल्म डेवलपमेंट कौंसिल का गठन किया गया है। पिछले तीन साल में 400 से अधिक फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी गई है। श्रीनगर में मॉल समेत दक्षिणी व उत्तरी कश्मीर में सिनेमा हॉल खोले गए हैं। 


पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश 2020-21 व 2021-22 में लगातार पूरे देश में तीसरे स्थान पर रहा।  प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर टनल बनाकर यात्रा को सुगम करने की दिशा में युद्धस्तर पर काम चल रहा है। 


पीएम मोदी के लिए जम्मू कश्मीर के मायने


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साढ़े नौ वर्षों के दौरान जम्मू-कश्मीर के सभी वर्गों और क्षेत्रों के विकास को लेकर बड़े काम किये है। जिससे वहां के लोगो को मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिला है। 


पहली बार, जम्मू-कश्मीर को दो एम्स मिले हैं, जिनके पूरा होने पर उन मरीजों को बड़ी मदद मिलेगी, जिन्हें विशेष इलाज के लिए पीजीआई, चंडीगढ़, एम्स, नई दिल्ली या पंजाब के निजी अस्पतालों या अन्य जगहों पर जाना पड़ता था। पहली बार, जिला स्तर पर मेडिकल कॉलेज, हड्डी एवं अस्पताल; यूटी में संयुक्त और कैंसर अस्पताल बन रहे हैं। यूटी में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट और बायो-टेक पार्क के अलावा आईआईटी और आईआईएम जैसे कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए गए हैं। 


जम्मू और श्रीनगर शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से कई क्षेत्रों में मौजूदा बुनियादी ढांचे को बेहतर करेगा और जीवन को आसान बनाएगा। 


गुजरात की साबरमती नदी की तर्ज पर तावी रिवर फ्रंट विकसित किया जा रहा है, जो पूरा होने पर एक बहुउद्देश्यीय परियोजना, विशेष रूप से एक पर्यटन स्थल के रूप में काम करेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। प्राचीन देविका नदी के पुनर्जीवन का काम पहली बार हाथ में लिया गया है। यह सबसे आकर्षक धार्मिक पर्यटन स्थल में से एक साबित होगा। 


जम्मू और श्रीनगर के हवाई अड्डों पर रात्रि उड़ान की सुविधा जोड़ी गई है। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर के हज यात्रियों के लिए पहली बार श्रीनगर और जेद्दा के बीच सीधी उड़ान शुरू की गई है। हालाँकि ये पहली बार की कुछ परियोजनाएँ हैं, उनमें से कई पूरी हो चुकी हैं और पूरी होने के करीब हैं, हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में कई विकासात्मक परियोजनाएँ और कल्याणकारी योजनाएँ चालू हैं और जम्मू की पूरी लंबाई और चौड़ाई में समाज के सभी वर्गों द्वारा इसका लाभ उठाया जा रहा है। 


देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू कश्मीर में मौजूदा रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, सड़क कनेक्टिविटी के उन्नयन, राजमार्गों के निर्माण, रिंग रोड, सुरंगों, मेगा बिजली उत्पादन परियोजनाओं से संबंधित विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। 


इसी तरह, प्रधानमंत्री आवास योजना, जम्मू-कश्मीर के गरीब लोगों को नए घर बनाने के साथ-साथ कच्चे घर को पक्के घर में बदलने में भी मदद कर रही है।  स्वच्छ भारत अभियान के तहत सामुदायिक एवं व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। उज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जाते हैं। 


आम लोगों के लिए कितनी बदली है घाटी, 10 बड़े बदलावः  


1. पत्थरबाजी की घटना हुई खत्म- कश्मीर घाटी में एक वक़्त पत्थरबाजी की घटना आम होती थी। आये दिन पत्थरबाजी की घटना से लोगो की मौत तक हो जाती थी। लेकिन धारा 370 ख़त्म होने के बाद इस घटना में निरंतर कमी देखने को मिली। और सरकारी के आंकड़े के मुताबिक आतंकवादी-अलगाववादी एजेंडा के तहत 2018 में जहाँ 1767 संगठित पत्थर फेंकने की घटनाएं हुई, जो 2023 में मौजूदा तारीख तक शून्य हैं। 


2. आतंकियों ने टेके घुटने – 370 खत्म होने के बाद केंद्र सरकार ने आतंकी घटनाओ को खिलाफ जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाई, आतंकी नेटवर्क नष्ट किये गए। सरकारी आंकडे के मुताबिक साल 2018 से 2022 के बीच आतंकी गतिविधियों में 45.2 फीसदी की कमी देखने मिली है। 


3. विदेशी घुसपैठ में आई कमी- धारा 370 ख़त्म करने के बाद सेना ने घुसपैठ पर करारा प्रहार किया है। आलम ये है कि घुसपैठ की घटनाएं भी 2018 में 143 के मुकाबले 2022 में सिर्फ 14 रह गईं। 


4. राज्य की कानून व्यवस्था में हुई सुधार- कानून-व्यवस्था के मामले भी 1767 से घटकर 50 रह गए। 2022 में सुरक्षा बलों के 31 सदस्यों की जान गई, जबकि 2018 में यह 91 थी। 


5. आतंकी भर्ती में भी भारी कमी आई है। यह आंकड़ा 2018 में 199 था जो 2023 में आज की तारीख तक घटकर 12 पहुंच गया हैं। 


7. जनता की बेहतरी के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। घाटी में औद्योगिक विकास  के लिए केंद्र ने 28400 करोड़ रुपए का बजट रखा। केंद्र के आर्थिक नीति का आलम है कि आज आज जम्मू कश्मीर में 78000 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं। 


8. पंचायती राज का आगाज हुआ- जिला विकास परिषदों के चुनाव के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतीराज की शुरूआत हुई है। लोगों की मांग को पूरा करते हुए कश्मीरी, डोगरी, उर्दू व हिंदी जैसी स्थानीय भाषाओं को भी आधिकारिक भाषाओं के रूप में जोड़ा गया है। विधायिका में अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं, जो पहले नहीं थीं। 


9. धारा 370 हटने के बाद ही जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाये गए। केंद्र सरकार के नीति का आलम है अपने इतिहास में पहली बार जम्मू और कश्मीर में एक विधिवत निर्वाचित 3-स्तरीय पंचायती राज प्रणाली स्थापित की गई है। नवंबर-दिसंबर 2020 में जम्मू और कश्मीर में जिला विकास परिषदों के सदस्यों के लिए चुनाव हुए। आज जमीनी स्तर के लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में 34,000 से अधिक निर्वाचित सदस्य हैं। 


10. धारा 370 ख़त्म करने के फैसले से पहले अलगाववादियों की शह पर होने वाले सूबे में होने वाले बंद, हड़ताल और पत्थरबाजी न केवल  राज्य की आर्थिक सेहत पर बल्कि पूरे समाज पर बुरा असर डालती थी। 370 हटने से पहले स्कूल, कॉलेज,यूनिवर्सिटी, इंडस्ट्रीज का बंद होना हर दिन की बात थी। लेकिन आज स्कूल, कॉलेज हर दिन खुलते है। आज यहाँ के छात्र देश की मुख्यधारा से जुड़ते दिख रहे है। 


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