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'ऑपरेशन सरहद'

Posted on : 05-March-2022 17:03:15 Writer : Mamta Bhati


'ऑपरेशन सरहद'


भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकवाद आदि घटनाओं में सजगता के कारण पाकिस्तान, भारत की पश्चिमी सीमा पर मादक पदार्थों की तस्करी तथा जासूसी का प्रयास कर रहा है। बाड़मेर एवं गंगानगर की सीमा पर तस्करी करने के लिए पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई ने पुराने तस्करों के साथ - साथ नये एजेंट भी तैयार किए हैं, साथ ही जैसलमेर - बाड़मेर में सामरिक महत्व के स्थानों की जासूसी के लिए 'स्लीपर सेल' ( आतंकवादियों का वह समूह जो आम लोगो के बीच में रहता है तथा आतंकवादियों के शीर्ष नेतृत्व से आदेश मिलने पर सक्रिय हो जाता है।) द्वारा हनी ट्रैप के माध्यम से जवानों को फंसाने का जाल भी बुन रहा है। इसी कारण राज्य की खुफिया एजेंसियों ने 'ऑपरेशन सरहद' आरम्भ किया है।


जैसलमेर सहित पूरे पश्चिमी सीमा पर एक साथ आतंक की पहचान करने का यह ऑपरेशन तीन चरणों में चलाया गया है। इसमें राज्य विशेष शाखा जयपुर एवं सीआईडी जोन जैसलमेर, बाड़मेर तथा जोधपुर के करीब 50 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने, प्रथम चरण में जैसलमेर, बाड़मेर एवं जोधपुर के छावनी क्षेत्रों के आसपास रहने वाले ऐसे लोगों की पहचान की, जो पाकिस्तान के संपर्क में हो सकते थे। द्वितीय चरण में इन  चिन्हित  व्यक्तियों पर तकनीकी व अन्य साधनों से खुफिया निगरानी रखकर डाटा एकत्रित किया। तृतीय चरण में चिन्हित 3 दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया तथा जैसलमेर,बाड़मेर और जोधपुर लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद कुछ संदिग्धों के तकनीकी उपकरणों को कब्जे में लिया गया और अग्रिम जांच एवं विश्लेषण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला, जयपुर भिजवाया गया। अब इंटेलिजेंस एजेंसी इन लोगों से पूछताछ के बाद प्राप्त तथ्यों एवं तकनीकी विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर विधिक राय प्राप्त कर कानूनी कार्यवाही करेगी।


इंटेलिजेंस एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि पीआईओ एवं आईएसआई की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप एवं इंस्टाग्राम के माध्यम से फर्जी नाम से आईडी बना ली जाती है। फिर लोगों से संपर्क कर आपसी सौहाद्र बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।इसके बाद सामरिक एवं सैन्य जानकारी, फोटोग्राफी, वीडियो तथा अधिकारियों से मोबाइल नंबर और लोकेशन मांग ली जाती है। जिसे कुछ व्यक्ति जाने अनजाने में दे देते हैं इस कारण राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। इंटेलिजेंस एजेंसी के अनुसार ऐसा करना प्रतिबंधित और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गलत है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया जाता है, तो सुरक्षा एजेंसी को सूचित करना आवश्यक है।


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