UPDATED:
Posted on : 23-March-2024 06:03:40 Writer : टीम - सीमा संघोष
अरब सागर में भारतीय नौसेना की उपस्थिति हमेशा से रही है लेकिन दिसंबर के बाद से भारतीय नौसेना यहां नए रूप में नजर आ रही है। भारत ने अपने 12 जंगी जहाज अदन की खाड़ी और पश्चिमी अरब सागर में तैनात कर दिए हैं। नौसेना ने बीते तीन महीने में छह बड़े ऑपरेशन किए हैं और जहाजों को समुद्री लुटेरों एवं हूती विद्रोहियों के हमले से बचाया है।
अरब सागर और अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना की ओर से समुद्री लुटेरों और हूती विद्रोहियों के हमलों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन ने दुनियाभर में इसे चर्चा में ला दिया है। बीते तीन महीने में आधा दर्जन से अधिक कार्रवाई में भारतीय नौसेना ने व्यापारिक जहाजों को ऐसे हमलों से बचाया है। खास बात ये है कि इसमें से ज्यादातर जहाज भारत के नहीं, बल्कि दूसरे मुल्कों के हैं।
सबसे ताजा मामला माल्टा के जहाज एमवी रुएन का है, जिसे सोमालियाई समुद्री लुटेरों ने 18 दिसंबर 2023 को हाईजैक कर लिया था। वह उसे सोमालिया ले गए थे। 5 मार्च 2024 को यह जहाज सोमालिया से 260 नॉटिकल मील दूर दिखाई दिया। आईएनएस कोलकाता ने इसे रोका और जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सपोर्ट को अक्षम कर दिया। इससे समुद्री लुटेरों को जहाज रोकना पड़ा। आईएनएस कोलकाता की कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिन्हें भारत लाया गया है। एमवी रुएन जहाज और 17 क्रू मेंबर को रिहा करा लिया गया।
इन 17 क्रू मेंबर में से 7 बुल्गारिया के नागरिक थे। बुल्गारिया के राष्ट्रपति और डिप्टी पीएम ने इस सहायता के लिए भारत सरकार और भारतीय नौसेना का आभार भी जताया। इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोस्त इसीलिए होते हैं।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, अरब सागर में भारतीय नौसेना की उपस्थिति हमेशा से रही है। लेकिन दिसंबर में भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन के नजदीक हमलों के बाद और हाईजैक की कई वारदात के बाद भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी और पश्चिमी अरब सागर में दखल बढ़ा दिया।
भारत ने अरब सागर में अब तक की अपनी सबसे बड़ी तैनाती कर दी है। अरब सागर में मौजूद भारत के नौसैनिक बेड़े में 12 वारशिप शामिल हैं, जिनमें दो एडवांस वारशिप अदन की खाड़ी में और बाकी 10 उत्तरी और पश्चिमी अरब सागर में तैनात हैं।
दरअसल, लगभग छह वर्षों तक शांति से रहने के बाद अदन की खाड़ी और उत्तरी एवं पश्चिमी अरब सागर में समुद्री लुटेरों के हमलों ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। सोमालियाई समुद्री लुटेरों ने 2008 और 2018 के बीच काफी उत्पात मचाया था, लेकिन 2018 से 2023 के अंत तक समुद्री लूट की नगण्य घटना ही हुई थी।
लेकिन, बीते साल शुरू हुए इज़राइल और हमास के बीच युद्ध के बाद ईरान समर्थित हूती मिलिशिया ने अदन की खाड़ी और लाल सागर में इज़राइल और पश्चिमी देशों के व्यापारिक जहाजों को फिर से निशाना बनाना शुरू कर दिया। सोमालियाई समुद्री लुटेरे भी इस अराजकता का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हो गए।