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Posted on : 04-May-2021 13:05:19 Writer :
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः
सनातन संस्कृति के
मूल में ही निर्मल भाव है, जिस कारण इसको मानने वाले लोग भी निश्चल हृदय के होते हैं।
यह कोई नया विषय नहीं है, ऐसा कुकर्म इनके पूर्वज सैंकड़ों वर्षों
से करते आये हैं। हमें याद है कि जब चित्तौड़ पर आक्रमण
कर अलाउद्दीन ने रानी पद्मावती का अपहरण करके उनके साथ दुष्कर्म की इच्छा की तो रानी पद्मावती ने हजारों महारानियों के साथ में अपने प्राणों की
आहुति दी थी। यह बलिदान राजस्थान के स्वर्णिम इतिहास में “जौहर” कहलाया गया है। हिंदू समाज को यह सोचने
की अत्यधिक आवश्यकता है कि ‘क्या अब भी इस युग में भी हमारी बहन
बेटियों को जौहर करने की आवश्यकता पड़ेगी ?
लव जिहाद का पहला
मामला 2009 में केरल में सामने आया था। उसके पश्चात कर्नाटक के कई भागों में इसके मामले देखे
गये, जिसके बाद से संपूर्ण भारतवर्ष में धीमे-धीमे इसका प्रभाव
दिखाई देने लगा। मुस्लिम समुदाय के पुरुषों द्वारा गैर मुस्लिम युवतियों को अपनी वास्तविक पहचान ना बता कर, उनके साथ विवाह करके उनका धर्मांतरण करना
मूलतः लव जिहाद कहलाता है।
गत दिनों जयपुर में ही इमरान नामक मुस्लिम युवक ने अपनी फेसबुक
आईडी कबीर शर्मा के नाम से बनाई थी और इसी नाम से
इमरान पीड़ित युवती से बातें किया करता था। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया।
राजस्थान पुलिस ने इमरान भाटी को मुंबई से
गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को कबीर शर्मा बताकर एक हिंदू युवती से शादी कर, बहुत सारा दहेज लिया और अब धोखा देकर गायब हो गया है। इमरान भाटी के
खिलाफ सीकर में एक मामला दर्ज किया गया है। पता चला है कि वह पहले से ही शादीशुदा था और तीन बच्चों का पिता भी है। पता नहीं ऐसे कितने इमरान भाटी पूरे
भारत में विभिन्न क्षेत्रों में इस कार्य में लगे हुए हैं।
लव जिहाद कोई
सामान्य बात नहीं है यह एक अंतराष्ट्रीय एजेंडा है, जिसके तहत मुसलमानों की संख्या में वृद्धि करने से लेकर मुस्लिम समुदाय को विश्व स्तर पर
बड़ा बनाने का कुप्रयास है और मुस्लिम धर्म का विश्वभर प्रसार करना है, चाहे इसके लिए इन्हें कुछ भी करना पड़े !
कारण व उपाय –
कोई भी घटना अकारण
नहीं होती इसके पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है और इस
लव जिहाद नामक एजेंडे का भारत मे सफल होने का कोई न कोई कारण अवश्य है। जिनको हम निम्नवत् बिन्दुओ से समझ सकते हैं-
4.
स्वयं की सक्रियता-
सामान्यतः हम सभी बिंदुओं पर दूसरों को तो विषय के बारे में पूरा समझा देते हैं, लेकिन उस पर जब हमारी स्वयं की क्रियान्वयन करने की बारी आती है तो हम पीछे हट जाते हैं। इसलिए सर्वप्रथम हम सभी को स्वयं को सक्रिय होने की आवश्यकता होती है। हम स्वयं सक्रिय हो इसके लिए सर्वप्रथम अपने परिवार में सुनिश्चित करे कि गलती से हमारी कोई बहन तो किसी ऐसे जाल में नहीं फस रही हैं ना, उसके बाद अपने मोहल्ले का मूल्यांकन, फिर शहर का और उसके बाद अपने जिले का ऐसा मूल्यांकन हो कि जहां कोई भी लव जिहाद की घटना न घटे।
5.
असामाजिक तत्वों के खिलाफ आवाज उठाएं-
समाज में किसी भी वर्ग के साथ यदि दुर्व्यवहार होता है तो पूरा समाज एक साथ एक जगह पर कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर खड़ा हो, लेकिन हिंदू समाज में ऐसा बहुत ही कम दिखाई देता है। जो असामाजिक तत्व हमारी बहन- बेटी की तरफ आंख उठाकर भी देखें तो उनके खिलाफ कानूनी रूप से कड़ी से कड़ी कार्रवाई कैसे हो इसके लिए हमें कटिबद्ध होना जरूरी है। यह विषय केवल हमारी बहन- बेटियों के लिए नहीं, अपितु राष्ट्र की एकता तथा अखंडता के लिए भी यह विषय अत्यंत आवश्यक है। पूर्ण समाज का सक्रिय होना आज के युग की महती आवश्यकता है।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: