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भारतीय पुलिस फोर्स का इतिहास :

Posted on : 09-May-2022 16:05:05 Writer : Sneha


भारतीय पुलिस फोर्स का इतिहास :


सन 1857 में आज़ादी के प्रथम युद्ध के पश्चात 1861 में अंग्रेजों के द्वारा पुलिस एक्ट लागू किया गया। इस पुलिस एक्ट में कुछ संशोधन के साथ भारत मे वर्तमान पुलिस फोर्स के सामान्य नियम निहित हैं।

इस एक्ट ने प्रत्येक राज्य सरकार को अपनी पुलिस निर्धारित करने के अधिकार दिए। हर राज्य की पुलिस उपकरण और संसाधनों में भिन्न है किंतु सभी की कार्यप्रणाली और संगठनात्मक संरचना समान है।


 संगठन :


 राज्य पुलिस :


राज्य पुलिस ,राज्य के गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) राज्य की पुलिस फ़ोर्स के मुखिया होते हैं। राज्य पुलिस को रेंज और ज़ोन में बांटा जाता है। ADG ( एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) महत्वपूर्ण जोन की अध्यक्षता करते हैं।प्रत्येक रेंज में अनेक ज़िले होते हैं । महत्वपूर्ण रेंज की अध्यक्षता IG(इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) करते हैं। अन्य रेंज DIG द्वारा देखी जाती हैं। एसएसपी ( सीनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस) एवं एसपी जिलों की देखभाल करते हैं। हर जिले को सर्किल में बांटा जाता हैं जो DSP (डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ) के अंतर्गत आता है। हर सर्किल/ सब डिवीज़न अनेक पुलिस थाने में विभाजित होता है। इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर एवम असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अपने निर्धारित थाने की व्यवस्था संभालते हैं।


केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस फ़ोर्स :


 इस फ़ोर्स का संचालन भार देश के गृह  मंत्री के पास होता है। गृह मंत्री के तदुपरांत ओहदे पर UT के लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं। राज्य पुलिस की ही तरह UT पुलिस DG/IG के अंतर्गत ज़ोन और ज़िले में विभाजित होती है।


 पुलिस कमिशनरेट :


 BPRD के मुताबिक, फिलहाल भारत के 65 बड़े शहरों में यह सिस्टम है। पुलिस कमिश्नर प्रत्येके कमिशनरेट के मुखिया होते हैं जिनके नीचे जॉइंट पुलिस कमिशनर , डिप्टी कमिशनर और असिस्टेंट पुलिस कमिशनर आते हैं। CrPC की धारा 144 के अनुसार इन सबको अधिकार निहित कराए जाते हैं।


 सशस्त्र पुलिस बल :


 राज्य एवम केंद्र शासित प्रदेशों में आपातकाल स्थिति व भीड़ नियंत्रण , आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन्स, इत्यादि सशस्त्र पुलिस बल लाठी  या ज़रूरत अनुसार शस्त्र के साथ राज्य में शांति बहाल करने की ज़िम्मेदारी पूरी करते हैं।


विशेष बल( Special Forces) :


कुछ विशेष कार्यनीति जैसे नक्सल विरोधी आपरेशन इत्यादि के लिए विशेष कमांडो, ट्रेनिंग द्वारा तैयार किये जाते हैं।

इस सबके अतिरिक्त फायर सर्विस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस एवं डिजास्टर मैनेजमेंट पुलिस, मरीन पुलिस, रिवर पुलिस, हाईवे व ट्रैफिक पुलिस, रेलवे पुलिस, टूरिस्ट पुलिस, CID, SIT ( स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम)  भी समय एवम ज़रूरत अनुसार मुस्तैदी से देश की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए तैयार रहती हैं।

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