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राजस्थान में जैसेलमेर बोर्डर पर बीएसएफ करेगा बीटिंग रिट्रीट समारोह का शुभारंभ

Posted on : 13-February-2022 13:02:11 Writer : देवेन्द्र पुरोहित


 राजस्थान में जैसेलमेर बोर्डर पर बीएसएफ करेगा बीटिंग रिट्रीट समारोह का शुभारंभ

पंजाब के वाघा बॉर्डर की तरह अब राजस्थान के तनोट बॉर्डर पर भी टूरिस्ट ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी देख सकेंगे. इसके लिए BSF ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि पाकिस्तान ने अभी तक इस पर मंजूरी नहीं दी है. सैलानियों के लिए तनोट बॉर्डर पर काफी नई चीजें तैयार की जा रही हैं.22 करोड़ से सीमा शक्ति दर्शन प्रोजेक्ट से तनोट मंदिर के पास बनेंगे अटारी बाॅर्डर की तर्ज पर सात पर्यटन स्थल बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी के लिए तैयार हो रहा है स्टेडियम और बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी के लिए तैयार हो रहा है स्टेडियम।

राजस्थान में पहली बार जैसलमेर बॉर्डर पर बीएसएफ करेगा बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत

पंजाब, त्रिपुरा व गुजरात के बाद राजस्थान में पहली बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान के साथ बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरूआत हो रही है। बीएसएफ ने सीमा शक्ति दर्शन प्रोजेक्ट के तहत प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद नीति आयोग के सहयोग से केंद्र सरकार द्वारा इसे स्वीकृति दे दी गई है।

करीब 22 करोड़ रुपए की लागत के साथ तनोट से 20 किलोमीटर दूर बबलियान चौकी पर अटारी बॉर्डर की तर्ज पर स्टेडियम का निर्माण करवाया जा रहा है।इसकी दीवारें सोनार किले के जैसी बनाई जायेगी शुरुआत में एक भव्य गेट का निर्माण किया गया है. बाकायदा गाड़ियों के लिए पार्किंग व्यवस्था तैयार की गई है. बच्चों के खेलने के लिए झूले आदि हैं. सोनार किले की तरह निर्माणाधीन स्टेडियम में किलेनुमा दीवार बनाई गई है. दोनों तरफ सैलानियों के बैठने के लिए खुर्सियां लगाई गई हैं. स्टेडियम में डीजे लगाए जाएंगे, जिनमें देश भक्ति की गीत बजेंगे

 इसमें बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। फिलहाल इस सेरेमनी में पाकिस्तान रेंजर्स भाग नहीं लेंगे,लेकिन बीएसएफ के जवानों द्वारा इसमें हिस्सा लिया जाएगा।

बबलियान चौकी पर बन रहे स्टेडियम में करीब 2 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही सीमा शक्ति दर्शन प्रोजेक्ट के तहत तनोट क्षेत्र में 7 टूरिस्ट साइट्स तैयार की जा रही है। इसमें जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले सैलानी पूरे एक दिन तक यहां स्टे कर पाएंगे। इससे सैलानियों के लिए जैसलमेर में एक दिन का ठहराव बढ़ जाएगा। नीति आयोग व बीएसएफ के इस संयुक्त प्रयास में जैसलमेर प्रशासन ने भी पूरा सहयोग दिया है।

नीति आयोग द्वारा जारी करवाया गया बजट जिला परिषद के माध्यम से उपयोग में लिया जा रहा है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी व 7 टूरिस्ट साइट्स से करीब 1 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना भी जताई जा रही है।

अभी 5 जगहों पर हो रही है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी

भारत में फिलहाल 5 जगहों पर पाकिस्तान व बांग्लादेश की सीमा पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पंजाब में 3 जगहों पर इसका आयोजन हो रहा है। पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत व पाकिस्तान के जवान आमने-सामने इस सेरेमनी में हिस्सा लेते हैं।

इसके अलावा फिरोजपुर-हुसैनीवाला तथा सादकी सीमा चौकी पर दोनों देश के जवान इसमें भाग लेते हैं। इसके साथ ही बांग्लादेश सीमा पर त्रिपुरा स्थित पेट्रोपोल बॉर्डर पर सेरेमनी का आयोजन होता है। गुजरात के नडा बेट बॉर्डर पर भी रिट्रीट सेरेमनी की शुरूआत की गई है। देश में जैसलमेर छठी ऐसी जगह है, जहां बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा।

तनोट आस्था, शौर्य का प्रतीक

1971 के युद्ध के बाद तनोट के प्रति लोगों की आस्था बढ़ गई। उसका प्रमुख कारण भी है कि पाकिस्तान द्वारा इस क्षेत्र में बरसाए गए करीब 3 हजार जीवित बम फटे ही नहीं। इसके बाद बीएसएफ द्वारा ही तनोट माता मंदिर का जिम्मा लिया गया। इसके बाद से बीएसएफ के जवान ही तनोट माता की पूजा अर्चना कर रहे हैं। इस कारण ही तनोट माता मंदिर आस्था के साथ साथ शौर्य का भी प्रतीक है। मंदिर परिसर में आज भी जीवित बम इसके उदाहरण है।

बीएसएफ जवान ही भाग लेंगे

तनोट स्थित बबलियान चौकी में होने वाली बीटिंग रिट्रीट में केवल भारत के बीएसएफ जवान ही भाग लेंगे। हालांकि पाकिस्तान को भी इस सेरेमनी में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है,लेकिन पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र को बॉर्डर टूरिज्म के लिए अभी तक विकसित नहीं किया है।

इसलिए अटारी-वाघा बॉर्डर की तरह यहां पाकिस्तान के सैनिक शामिल नहीं होंगे। बबलियान चौकी से पाकिस्तान की चौकी की दूरी करीब 2 किलोमीटर है। प्रशासन द्वारा तनोट क्षेत्र में बॉर्डर टूरिज्म बढ़ाने के लिए सीमा दर्शन बस चलाने पर भी विचार कर रहा है।

भारत-पाक बॉर्डर पर सैलानियों के लिए यह रहेंगे आकर्षण का केंद्र

डॉक्यूमेंट्री और हथियार प्रदर्शन: यहां बन रहे बेस तनोट में बीएसएफ डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित करेगी और युद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। यहां की फोटो गैलरी भी आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगी।

बबलियानवाला चौकी पर: पर्यटकों को तनोट में बबलियानवाला सीमा चौकी का दौरा करने का भी अवसर मिलेगा। यहां अभी तक बॉर्डर टूरिज्म नहीं है। ऐसे में सैलानियों के लिए बॉर्डर भ्रमण भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा।

म्यूजियम में बताया जाएगा बीएसएफ का इतिहास: स्टेडियम के सामने एक म्यूजियम बनाया जा रहा है। म्यूजियम में बीएसएफ का इतिहास और 1965 और 1971 के युद्धों की वीर गाथा दर्शाई जाएगी। यहां आने वाले सैलानी बीएसएफ के इतिहास से रूबरू हो सकेंगे। यहां पर 31 फीट का ऊंचा वॉच टावर भी बनाया जा रहा है। इस पर चढ़कर सीमा पार देख सकेंगे।

 प्रोजेक्ट का मुख्य आकर्षण

स्टेडियम ओर वार म्यूजियम

 स्वागत केंद्र एवं वेटिंग लाउंज 

 थ्री-डी दीवार के साथ एम्फीथिएटर 

 इंटरप्रिटेशन सेंटर 

 बाल गतिविधि क्षेत्र 

 वीरता की दीवार

  सोवेनियर शॉप 

 कैफेटेरिया

इसके अलावा बीएसएफ महानिरीक्षक ने बताया कि यहां पर एक 30 फीट के ओपी टॉवर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिस पर चढ़कर टूरिस्ट सीमा पार पाकिस्तानी क्षेत्र का नजारा, पाकिस्तानी पोस्ट, अंतरराष्ट्रीय सीमा में लगे बॉर्डर पिलर, फेंन्सिंग के साथ बीएसएफ द्वारा की जा रही पेट्रोलिंग व अन्य सुरक्षा ड्यूटी के क्रियाकलापों को देख सकेंगे. उन्होंने बताया कि यह टूरिज्म का कन्सेप्ट शुरू होने से जैसलमेर में और टूरिज्म बढ़ेगा व एक नया आयाम टूरिज्म क्षेत्र में जुड़ेगा. लोंगेवाला, तनोट माता और सीमा दर्शन एक नया सर्किट शुरू होगा, इससे जैसलमेर में पर्यटकों का एक दिन का अतिरिक्त ठहराव हो सकेगा.


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