UPDATED:
Posted on :
28-August-2021 17:08:11 Writer :
रॉ के संस्थापक और इंटेलिजेंस ब्यूरो के सहायक निदेशक दिवंगत रामेश्वरनाथ काव बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। खासकर जासूसी के मामले में उन्हें ईश्वरत्व वरदान प्राप्त था। इनका जन्म 10 मई, 1918 को उत्तर प्रदेश के पावन धरती वाराणसी में हुआ था। 32 वर्ष की आयु में काव ने भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश काडर की जिम्मेवारी दी गई। उन्होंने अपनी प्रतिभा का बखूबी परिचय दिया। भारतीय पुलिस सेवा में उनके सराहनीय काम के लिए सन 1948 में जब इंटेलिजेंस ब्यूरो की स्थापना की गई तो उन्हें सहायक निदेशक बनाया गया।
इसके दो वर्ष बाद 1950 में उन्होंने कश्मीर मामले में महत्पूर्ण योगदान दिया। जबकि पांच वर्ष बाद ही उन्हें जासूसी का पहला ख़ुफ़िया ऑपरेशन काम मिला। जब उन्हें ताईवान विमान दुर्घटना की जांच की जिम्मेवारी दी गई। इस ख़ुफ़िया ऑपरेशन को उन्होंने निर्धारित समय में पूरा किया। इस रिपोर्ट से खुश होकर चीन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उन्हें सम्मानित भी किया था। इस बारे में अगली लेख में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी।
भारत-चीन 1962 युद्ध के बाद रामेश्वरनाथ काव ने ख़ुफ़िया विभाग की स्थापना पर जोर दिया। उनकी इस प्रयास के फलस्वरूप 21 सितंबर, 1968 को रॉ की स्थापना की गई। इसके निदेशक रामेश्वरनाथ काव बनें। इसी ख़ुफ़िया एंजेसी की मदद से भारत ने सवा लाख मुक्तिवाहिनी सैनिकों को प्रशक्षित किया। इस ख़ुफ़िया ऑपरेशन के बारे में किसी को कोई खबर नहीं थी और इसी खुफिया अभियान के तहत पाकिस्तान पर हमला किया गया था।
इसके बाद काव ने तकरीबन 20 वर्षों तक रॉ के जासूसों को प्रशक्षित किया। इसके अलावा उन्होंने सिक्किम विलय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जब उन्होनें चीन के सामने सिक्किम को भारत का राज्य बनवाया। रामेश्वरनाथ काव के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्हें मूर्तिकला में बड़ी दिलचस्पी थी। काव ने 20 जनवरी 2002 को अपने जीवन की अंतिम सांस ली। महान सेनानायक को शत-शत नमन।