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Posted on :
27-April-2022 17:04:02 Writer :
Devendra
वर्ष 2020 और 21 पूरे 2 साल कोरोना महामारी के चलते धार्मिक सार्वजनिक आयोजनों पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था जो बाद में धीरे-धीरे कर हटाया गया इस वर्ष किसी भी प्रकार का प्रतिबंध प्रशासन द्वारा नहीं था इसलिए सामान्य जन के मन में धार्मिक आयोजनों को लेकर एक उत्साह का माहौल था इसी बीच राजस्थान सरकार के दो फरमान जारी हुए जिसमें पहला फरमान रमजान महा को देखते हुए किया गया जिसमें सरकार द्वारा आदेश दिया गया की मुस्लिम बहुल इलाकों में रमजान के महीने में किसी भी प्रकार की बिजली कटौती नहीं की जाएगी और उनके आवश्यक सामग्री की आपूर्ति पर विशेष ध्यान रखा जाएगा और दूसरी और दूसरा आदेश आया जिसमें सरकार ने रामनवमी से पहले रामनवमी हनुमान जयंती परशुराम जयंती गणगौर महावीर जयंती आदि को देखते हुए राजस्थान के बहुत से सुबो में धारा 144 लगा दी इन दो फरमानो से जनता में सरकार के प्रति रोष की भावना का संचार हुआ हालांकि इस पर सरकार द्वारा सफाई देखकर यह कहा गया कि राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है जबकि रमजान को देखते हुए जो निर्बाध रूप से बिजली देने का आदेश और हिंदू त्योहारों को देखते हुए प्रतिबंध लगाना ऐसा लगता है कि सरकार का झुकाव एक समुदाय विशेष की तरफ ज्यादा है।
राजस्थान सरकार के द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के आदेश जारी किए गये हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि राजस्थान में तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे जनता में एक अविश्वास की भावना का प्रवाह हो रहा है
सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों के प्रति सम्मान भाव रखें किसी भी नागरिक से भेदभाव की भावना ना रखें भारतीय संविधान उन्हे अपने धर्म के अनुसार आचरण करने की स्वतंत्रता देता है साथ ही साथ नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि वह सरकार द्वारा निर्देशित किए गए दिशा निर्देशों की पालना करे।
सरकार वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश की जनता के हित में निर्णय ले इस बात ध्यान सरकार को रखना होगा।